अमर उजाला न्यूज़ -
मानसून सत्र के आखिरी दिन विपक्ष के विरोध के बाद सदन में ध्वनिमत से विधेयक पारित कर दिया गया। अब राज्य लोकसेवा आयोग निगमों-बोर्डों और सहकारी बैंकों में भर्तीियां करमेगा। इससे पहले ये नियुक्तियां अन्य संस्थाएं और राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड करता रहा है।
इन बैंकों, निगमों और बोर्डों में नियुक्तियों को कई बार सवाल उठाने वाले होते हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को सदन में हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग अतिरिक्त कृत्य विधेयक 2018 पारित करने के लिए प्रस्तुत किया गया।
इस विधेयक पर प्रश्न उठाते हुए विधायक राकेश सिंघ ने कहा कि विधेयक को आमंत्रित करने के लिए सरकार नई अदालत बना रही है। आयोग को कोर्ट की शक्तियां नहीं दी जातिं।
इसके बाद विधायक आशा कुमारी ने प्रश्न उठाया कि क्या आयोग बैंकों के लिपिकों पदों की भर्ती करगा, जबकि आयोग द्वितीय और द्वितीय श्रेणी राजपत्रित पदों को भरता रहा है।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा - आयोग पर लोगों को विश्वास है कि यह भड़ में पारदर्शिता रखता है। सहकारी बैंकों और निगमों-बोर्डों की भरी को लेना उठाया जा रहा है।
इसे ध्यान में रखकर विधेयक लाया गया है। हिमाचल के सभी 36 निगम, बोर्डों और सहकारी बैंकों में अब भर्तियां राज्य लोकसेवा आयोग के माध्यम से ही होंगी। इसे देखते हुए विधेयक पारित किया जाता है।
शुक्रवार को पारित विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बनते ही प्रदेश में उपस्थित निगमों, बोर्डों और सहकारी बैंकों की भर्ती राज्य लोकसेवा आयोग करमेगा।
भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार विधेयक लाकर नई व्यवस्था की है। विधेयक के लिए भेद को समय बाउंड करने की योजना भी है। इस बदलाव से राजकोष में कोई अतिरिक्त व्यय नहीं होगा।
उधर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों में दो-दो विधाय को कार्यकारिणी में दो-दो साल के लिए नामिक करने के संबंध में प्रस्ताव भी सदन में प्रस्तुत किया गया।
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