हिमाचल प्रदेश में जंहा कृत्रिम झीले है वंही यंहा पर बहुत सारी प्राकृतिक झीले भी है जो इस प्रकार है :
कृत्रिम या मानव निर्मित झीले:
बिलासपुर :
१. गोविन्द सागर झील :
- गोबिंद सागर झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है।
- गोबिंद सागर झील बिलासपुर में 'सतलुज ' नदी पर बनी है।
- गोबिंद सागर झील की लम्बाई 88 किमी तथा क्षेत्रफ़ल 168 वर्ग किमी है।
- गोबिंद सागर झील का नाम सिक्खो के 10वे गुरु ' गोबिंद सिंह ' के नाम पर रखा गया है।
- गुरु गोबिंद सिंह ने इस झील के किनारे औरंगजेब के विरुध्द 'गोरिल्ला ' युद्द लड़ा था।
- यह झील 'भाकड़ा बांध ' के निर्माण से 1959 में बनी , और भाकड़ा बांध 226 मीटर ऊँचा बांध 1963 में बनकर तैयार हुआ।
काँगड़ा :
१. पौंग झील :
- पौंग झील हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में स्थित है ।
- पौंग झील 'व्यास नदी ' पर बनी है।
- पौंग बांध की लम्बाई 42 किमी है।
- इस झील पर 'पौंग बांध ' बना है जो 1960 में बना।
- पौंग झील को 'महाराणा प्रताप सागर ' के नाम से भी जाना जाता है।
- पौंग झील को 2002 में रामसर साइट घोषित किया गया।
मण्डी :
१. पंडोह झील :
- पंडोह झील मंडी जिले में स्थित है।
- पंडोह झील 'व्यास नदी ' पर स्थित है।
- पंडोह झील की लम्बाई 14 किमी है।
- पंडोह झील हिमाचल प्रदेश की सबसे छोटी मानव निर्मित झील है।
- इसके लिए बांध का निर्माण हमास नदी के जल को सतलुज नदी में मिलाने के लिए सलापड़ हुआ है।
चम्बा :
१. चमेरा झील :
- चमेरा झील चम्बा जिले में स्थित है।
- चमेरा झील ' रावी नदी ' पर बनी है।
- चमेरा झील के निर्माण का उदेश्य चमेरा गाँव के समीप 540 मेगावाट पन बिजली परियोजना के परिणाम स्वरूप हुआ है।
प्राकृतिक झीले:
चम्बा :
- गड़ासरु झील (चुराह तहसील में स्थित )
- खजियार झील (हिमाचल प्रदेश का स्विटरजलैंड )
- लामा झील (सात झीलों का समूह )
- मणिमहेश झील ((कैलाश पर्वत के निचे स्थित )
- महाकाली झील (चुराह तहसील में स्थित, देवी काली को समर्पित )
काँगड़ा :
- डल झील (धर्मशाला से 11 किमी दूर )
- करेरी झील
- मछियाल झील ( ऋषि मछिंद्री नाथ की तपोस्थली )
मंडी :
- रिवालसर झील ( हिंदू , सिक्खो तथा बौद्ध धर्म के लोगो का तीर्थ स्थल, तैरते हुए टापुओं की झील तथा ऋषि लोमश की तपोस्थली )
- कुमारवाह झील
- पराशर झील
- कुंतभयोग झील ( पांडवो की माता कुंती से इस झील का संबध है )
- सुखसागर झील
- कामरुनाग झील
- कालासर झील
- लीलसर झील
- खदलासर झील
- दवारुसर झील
कुल्लू :
- मानतलाई झील ( पारवती नदी का उद्द्गम स्थान )
- भृगु झील ( मनाली से 10 किमी दूर , भृगु ऋषि की तपस्थली )
- दशहर झील ( मनाली से २५ किमी दूर , यंहा पर अकबर की बेटी का लकवा रोग ठीक हुआ था )
- सवालसर झील ( इस झील की देवी बूढ़ी नागिन है )
- डेनसहर झील
- स्रयुल झील
- डंसा झील
- श्रृंग त्यूंग झील
- द्यूरी झील
- सरीताल झील
लाहौल स्पीति :
- सूरजलात झील( बारालाचा दर्रे के समीप , भागा नदी का उद्गम स्थान )
- चंद्रताल झील ( ह्यूनसांग द्वारा 'लोहित्व सागर' के नाम से प्रचलित , भारत की पांच डाक टिकटों में स्थान )
- दीपकताल झील (सूरजताल झील का छोटा भाई )
- नीलकंठ झील ( केवल पुरुषो के लिए दर्शन काने की आज्ञा , रंग नीला )
- युनामसा झील
- धनकर झील
- सिस्सू झील
शिमला :
- चन्द्रनाहन झील ( रोहड़ू क्षेत्र में स्थित , पब्बर नदी का उद्गम स्थान )
- तानजुब्बड़ झील ( नारकंडा के समीप ,)
- गडाकुफर ( ठियोग )
- कराली झील (शाली की पहाड़ी में स्थित )
- ब्रादोसर झील (शिमला जिला के 'डोडरा क्वार' और किनौर जिले के 'सांगला ' के बीच 5500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित )
किन्नौर :
- नाको झील
- सोरंग झील
सिरमौर
- रेणुका झील ( हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील , परुशराम की माता रेणुका को समर्पित , स्त्री की आकृति वाली )
- सुकेती झील ( मारकंडा नदी के बाई और स्थित )
इसे भी जाने
No comments:
Post a Comment