१. कुल्लू जिला
1 वशिष्ठ झरना :
- वशिष्ठ झरना कुल्लू जिले में मनाली से 3 किमी दूर व्यास नदी के बाएं किनारे पर स्थित है।
- वशिष्ठ झरना 'गर्म पानी' का झरना है ,यंहा ऋषि वशिष्ठ और भगवान राम का मंदिर है।
- वशिष्ठ झरने के पानी का तापमान 111 ० F है।
- कुल्लू के देवता वशिष्ठ कुंड में स्नान करते है ,किंतु इस कुंड ' ऋषि वशिष्ठ ' बर्फ की ठंडी झील ' भृगु झील ' में स्नान करते है।
- वशिष्ठ कुंड के पास ' टर्किश शैली ' में स्नानागार बनाए गए है।
2 खीरगंगा :
- खीरगंगा मणिकर्ण से 20 किमी दूर स्थित है।
- खीरगंगा का पानी भी गंधक के कारण 'गर्म ' है।
- गंधक के कण किनारे पर चिपके रहते है जिस कारण यह सफ़ेद दिखता है।
- कहा जाता है यंहा शिव पुत्र कार्तिकेय ने तपस्या की थी।
3 कसोल :
- कसोल चश्मा कुल्लू के भुंतर से 32 किमी दूर मणिकर्ण की ओर स्थित है।
- कसोल में भी गर्म पानी का चश्मा है।
- कसोल चश्मे का तापमान खीरगंगा चश्मे के अनुरूप है।
- कसोल चश्मा पार्वती नदी के किनारे स्थित है।
4. मणिकरण :
- कुल्लू जिले की पार्वती घाटी में स्थित मणिकरण ' गर्म पानी ' का स्त्रोत 'बाहगंगा ' पुल से 1. 3 किमी दूरी पर स्थित है।
- मणिकर्ण के जल का तापमान 'क्वंथनांक' से भी अधिक है।
- मणिकर्ण के जल में ' गंधक व् लौह अयस्क ' की अपेक्षा 'रेडियो धर्मिता ' विद्यमान है।
- किवंदतियों के अनुसार ' मणिकर्ण ' को माता पार्वती से जोड़ा गया है " कहा जाता है कि माता पार्वती यंहा पर स्नान कर रही थी , और स्नान करते हुए उनके कान का मनका 'मणि ' पानी में गिर गई और अदृश्य हो गई , तभी भगवान शिव ने क्रोधित होकर ' इस कुंड ' को देखा जिस कारण कुंड का पानी उबलने लगा और हज़ारो मणिया कुंड से बहार निकलने लगी, तभी से इसका नाम मणिकर्ण पड़ा ( कर्ण यानी कान ,) कान की मणि या बाली।
- माणिकर्ण में हिन्दू मंदिर तथा सिखों का गुरुद्वारा है।
5 कलथ झरना :
- कलथ मनाली से 4 किमी दूर स्थित है।
- कलथ चश्मे का जल न ही अधिक गर्म है और न की अधिक ठंडा।
- यह व्यास नदी के दाई ओर स्थित है।
6 राहला झरना :
- कुल्लू जिले में स्थित रहला झरना 'ठंडे पानी ' का झरना है।
२. मण्डी जिला
1 तत्तापानी झरना :
- तत्तापानी सतलुज नदी पर स्थित पवित्र झरना है।
- तातापानी झरने का 'गर्म जल ' प्राकृतिक गंधक युक्त है।
- तातापानी के बारे में प्रचलित कथा है ' कि यंहा के स्थानीय राजा ' रुद्रजीत ' ने'महर्षि जमदग्नि ' की गाय को छीनना चाहा तो उस समय जमदग्नि ऋषि के पुत्र परशुराम , मणिकर्ण तीर्थ स्नान कर रहे थे , उन्हें अचानक योगमाया से आभास हुआ और वह उसी समय वँहा से आ गए और उन्होंने अपनी गीली धोती तत्तापानी में निचोड़ी , जिस कारण यंहा इस झरने का उद्गम हुआ।
३. शिमला जिला
1 ज्योरी :
- ज्योरी झरना शिमला और किन्नौर की सीमा पर 'ज्योरी ' नामक स्थान पर 'ऊन खड्ड ' के किनारे रामपुर बुशहर से दूर हिन्दुस्तान -तिब्बत मार्ग पर स्थित है।
- ज्योरी 'गर्म पानी ' का झरना है।
2 चैडविक :
- शिमला जिले के ' समरहिल ' में ' चैडविक झरना ' स्थित है।
- चैडविक झरना ' ठंडे पानी ' का झरना है।
४ . किन्नौर जिला
1 टापरी :
- टापरी गर्म पानी का झरना है।
५ . काँगड़ा जिला
- भगसूनाथ ( ठंडा पानी )
- ज्वालामुखी (ठंडा पानी )
- लुनानि (ठंडा पानी )
- सुलह (ठंडा पानी )
- कोपरा (नादौन के नजदीक )
६ . चम्बा जिला
इसे भी जाने
No comments:
Post a Comment